कैप्टन लालरिनावमा सैलो: मिजोरम से वीरता की मशाल
भारत के सैन्य पराक्रम के इतिहास में कुछ नाम ऐसे चमकते हैं, जिनमें कैप्टन लालरिनावमा सैलो का नाम सबसे ऊपर है। भारतीय सेना की कुलीन 4 पैरा (स्पेशल फोर्सेस) यूनिट के इस अधिकारी ने न केवल असाधारण साहस का परिचय दिया है, बल्कि इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है मिजोरम का पहला कमीशंड अधिकारी बनकर, जिसे कीर्ति चक्र—शांतिकालीन दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार—प्राप्त हुआ। यह सम्मान 15 अगस्त 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू द्वारा घोषित किया गया, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद-विरोधी अभियानों में उनके निस्वार्थ बलिदान को सलाम है।

प्रारंभिक जीवन और गौरव का सफर
मिजोरम के चानमारी, आइजावल की शांत पहाड़ियों में जन्मे कैप्टन सैलो का सफर अनुशासन, दृढ़ता और समर्पण की मिसाल है। उन्होंने अपनी औपचारिक शिक्षा राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (RIMC), देहरादून से शुरू की, जहाँ उनकी बुद्धिमत्ता और नेतृत्व क्षमता ने सभी को प्रभावित किया। इसके बाद राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में उन्होंने अपने बैच में 27वाँ स्थान हासिल किया—शैक्षणिक और शारीरिक उत्कृष्टता का प्रमाण। भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून से लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त करने के बाद, उन्होंने तेजी से पदोन्नति पाई।
4 पैरा (SF) में चयन कोई संयोग नहीं था। यह भारत की सबसे कठिन और गोपनीय रेजिमेंट है, जो सहनशक्ति, रणनीति और नैतिक दृढ़ता की माँग करती है। कैप्टन सैलो ने इस अग्निपरीक्षा में खुद को साबित किया और उन मिशनों के लिए तैयार हुए जहाँ साहस और सटीकता का मेल जीवन-मृत्यु तय करता है। एक मिजो होने के नाते, उनका यह उपलब्धि पूर्वोत्तर भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।
ऑपरेशन सिंदूर: संक्षिप्त सारांश
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमला – 26 पर्यटक शहीद (ज्यादातर पुरुष), TRF (LeT/JeM का मोर्चा) ज़िम्मेदार।
ऑपरेशन
7 मई 2025 रात, ऑपरेशन सिंदूर – भारत की ट्राई-सर्विसेज स्ट्राइक।
– 9 आतंकी ठिकाने निशाना: 5 PoK, 4 पंजाब (मुरीदके, बहावलपुर आदि)
– 24 मिसाइलें: SCALP, HAMMER, लोइटरिंग म्यूनिशन
– 25 मिनट, भारतीय सीमा से, बिना एयरस्पेस उल्लंघन
परिणाम
– 100+ आतंकी मारे, हाफिज सईद का रिश्तेदार, यूसुफ अजहर सहित HVTs
– पाकिस्तानी सेना: 35-40 हताहत
– भारत: 5 जवान शहीद
संदेश
“हर आंसू का जवाब शक्ति से” – आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक, संयमित, सटीक प्रहार।
नाम का अर्थ: उजड़े सिंदूर का बदला।
जय हिंद!
वीरता का कार्य: ऑपरेशन सिंदूर और उससे आगे
हालांकि स्पेशल फोर्सेस के मिशनों की आधिकारिक जानकारी गोपनीय रहती है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार कैप्टन सैलो का कीर्ति चक्र ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा है—जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ समन्वित अभियान। इन खतरनाक मुठभेड़ों में उन्होंने:
– घात लगाकर हमला करने वाले दुश्मनों का नेतृत्व किया,
– लगातार गोलियों के बीच खतरों को निष्क्रिय किया,
– अपने साथियों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
उनका कार्य स्पेशल फोर्सेस के मूल मंत्र को साकार करता है—मौन, तीव्र और अत्यंत प्रभावी।
2025 में कीर्ति चक्र केवल चार सेना कर्मियों को मिला, जिसमें कर्नल मनप्रीत सिंह और राइफलमैन रवि कुमार जैसे वीर शामिल हैं। कैप्टन सैलो के पिता सैह्मिंगलियाना सैलो ने गर्व से कहा कि उनका बेटा अभी भी जम्मू की सुरक्षा व्यवस्था में अग्रिम पंक्ति में है—पुरस्कार से परे कर्तव्य की जीवंत मिसाल।
मिजोरम और राष्ट्र के लिए मील का पत्थर

मिजोरम के लिए यह उपलब्धि ऐतिहासिक है। कैप्टन सैलो असम राइफल्स के सूबेदार चल्हनुना के बाद राज्य के दूसरे प्राप्तकर्ता हैं, लेकिन कमीशंड अधिकारी के रूप में पहले। मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने उन्हें “मिजो युवाओं के लिए प्रेरणा” बताया, जबकि राज्य सरकार ने ₹10 लाख का नकद पुरस्कार घोषित किया। राज्यपाल और पूर्व सेना प्रमुख जनरल विजय कुमार सिंह समेत कई नेताओं ने बधाई दी, जो भारत की विविधता में एकता की भावना को मजबूत करती है।
यह कहानी उन सैनिकों को सलाम है जो पहाड़ों और मन के कठिन मैदानों में चुपचाप देश की रक्षा करते हैं।
कैप्टन लालरिनावमा सैलो का सफर—आइजावल के हरे-भरे खेतों से पैरा SF के खतरनाक मिशनों तक—देशभक्ति की ज्वाला जलाता है और हर युवा को सेवा को पवित्र कर्तव्य मानने की प्रेरणा देता है।
शौर्य की यह भावना सदैव जीवित रहे।
जय हिंद!
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