शहीद इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को बालाघाट में भावुक विदाई: पुलिसकर्मी से लेकर एसपी तक फूट-फूटकर रोए
नरसिंहपुर/बालाघाट/राजनांदगांव, 20 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल एंटी-नक्सल हॉक फोर्स के बहादुर इंस्पेक्टर आशीष शर्मा, जो छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए, उनके पार्थिव शरीर को गुरुवार को बालाघाट पुलिस लाइन लाया गया। यहां श्रद्धांजलि सभा में शहीद का चेहरा देखते ही पूरा पुलिस महकमा भावुक हो गया। हॉक फोर्स के जवान अपने कप्तान बालाघाट एसपी आदित्य मिश्रा से लिपटकर फूट-फूटकर रो पड़े। सहकर्मियों को इस हालत में देखकर एसपी साहब खुद भी फफक पड़े। यह दृश्य किसी की भी आंखें नम कर देने वाला था।
मुठभेड़ का पूरा घटनाक्रम 19 नवंबर 2025 को सुबह करीब 7-8 बजे छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के बोरतालाब थाना क्षेत्र के कौहापानी-कंघुर्रा जंगलों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र पुलिस की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान चला रही थी। इंटेलिजेंस इनपुट मिला था कि तीन राज्यों की सीमा पर नक्सलियों का एक बड़ा ग्रुप छिपा हुआ है। टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर आशीष शर्मा आगे बढ़े ही थे कि घात लगाए नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने कई नक्सलियों को मार गिराया (कुछ रिपोर्ट्स में 7 नक्सलियों के मारे जाने की बात), लेकिन आशीष शर्मा को सीने, पेट और पैर में متعدد गोलियां लगीं। उन्हें तुरंत डोंगरगढ़ अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उन्होंने वीरगति प्राप्त की। हेलीकॉप्टर से बेहतर इलाज के लिए ले जाने की तैयारी हो रही थी, लेकिन तब तक वे शहीद हो चुके थे।

कौन थे शहीद आशीष शर्मा? Martyred Inspector Ashish Sharma
- उम्र: महज 29-30 साल (कुछ रिपोर्ट्स में 40 का उल्लेख, लेकिन ज्यादातर में युवा बताया गया)
- मूल निवासी: नरसिंहपुर जिले की गाडरवाड़ा तहसील के बोहानी गांव
- पदस्थापना: बालाघाट हॉक फोर्स (किरनापुर क्षेत्र की कीन्ही चौकी प्रभारी)
- उपलब्धियां: हॉक फोर्स के ‘आइडियल कमांडो’ कहे जाते थे। दो बार भारत सरकार से गैलेंट्री अवॉर्ड (वीरता पदक) मिल चुका था। फरवरी 2025 में बालाघाट के रौंदा जंगलों में हुई मुठभेड़ में तीन महिला नक्सलियों को मार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी, जिसके लिए आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला और सब-इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर बने। पहले इंटेलिजेंस में आरक्षक रह चुके थे।
- निजी जीवन: जनवरी 2026 में शादी होने वाली थी। परिवार में माता-पिता और छोटा भाई अंकित शर्मा हैं।
बालाघाट में भावुक श्रद्धांजलि शहीद का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा पुलिस लाइन पहुंचा तो छोटा भाई अंकित साष्टांग दंडवत होकर गिर पड़ा और दहाड़ें मारकर रोने लगा। हॉक फोर्स के जवानों ने अपने ‘आइडियल’ को अंतिम सलामी दी, लेकिन कोई खुद को रोक नहीं पाया। एसपी से लेकर सिपाही तक सबकी आंखें नम थीं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद बालाघाट पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की।
सीएम मोहन यादव का बयान सीएम ने X पर लिखा: “हॉक फोर्स के निरीक्षक आशीष शर्मा नक्सलियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए। मैं उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय अभियान में उनका सर्वोच्च बलिदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।” सीएम ने घोषणा की कि शहीद के परिवार को सभी सुविधाएं दी जाएंगी, छोटे भाई को सरकारी नौकरी मिलेगी और सम्मान निधि प्रदान की जाएगी।
शहीद आशीष शर्मा की बहादुरी के किस्से पुलिस ट्रेनिंग में नए जवानों को सुनाए जाते थे। उनका बलिदान नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत करेगा। पूरा प्रदेश उनके परिवार के साथ है।
Martyred Inspector Ashish Sharma
ओम शांति! शहीद आशीष शर्मा अमर रहें!
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