Naman Syal विंग कमांडर नमन स्याल: जांबाज पायलट, जिन्होंने देश के गौरव के लिए दिया बलिदान
विंग कमांडर नमन स्याल भारतीय वायु सेना (IAF) के एक अत्यंत कुशल और अनुभवी पायलट थे, जिन्होंने दुबई एयर शो 2025 में स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान के प्रदर्शन के दौरान दुर्घटना में शहीद हो गए। उनकी शहादत ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया है।
व्यक्तिगत जीवन और पृष्ठभूमि

| विवरण | जानकारी |
| नाम | विंग कमांडर नमन स्याल (Naman Syal) |
| आयु | 35 या 37 वर्ष (विभिन्न स्रोतों के अनुसार) |
| मूल निवास | पटियालकड़ गांव, नगरोटा बगवां उपमंडल, कांगड़ा जिला, हिमाचल प्रदेश |
| शिक्षा | प्राइमरी स्कूल डलहौज़ी, आर्मी पब्लिक स्कूल योएल कैंट धर्मशाला, और सैनिक स्कूल सुजानपुर टिहरा (21वें बैच के छात्र) |
| करियर जॉइनिंग | 19 या 20 वर्ष की आयु में, 2009 में NDA पास करने के बाद। |
| परिवार | पिता: जगन नाथ स्याल (सेवानिवृत्त प्रिंसिपल, भारतीय सेना में अधिकारी भी रहे थे)। माता: वीणा स्याल (गृहिणी)। पत्नी: अफशां स्याल (स्वयं भी भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर/पायलट)। बेटी: आर्या स्याल (7 साल)। |
| पदों पर तैनाती | वह हैदराबाद एयरबेस/तमिलनाडु के सुलूर IAF स्टेशन पर पोस्टेड थे। |
एक होनहार पायलट का सफर

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शुरुआती जीवन: नमन स्याल बचपन से ही पढ़ाई में बहुत तेज थे और अपने जीवन के बारे में बड़े सपने देखते थे। उनके पिता जगन नाथ स्याल भी भारतीय सेना में अधिकारी रहे थे और बाद में शिक्षा विभाग से प्रिंसिपल पद से सेवानिवृत्त हुए।
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वायु सेना में प्रवेश: उन्होंने 2009 में एनडीए (NDA) की परीक्षा पास की और भारतीय वायु सेना में शामिल हुए। वह 19-20 वर्ष की कम उम्र में ही एयरफोर्स में भर्ती हो गए थे।
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तेजस टीम में भूमिका: विंग कमांडर स्याल भारतीय वायु सेना के एक अनुभवी फाइटर पायलट थे। उन्हें तेजस जैसे अत्याधुनिक स्वदेशी लड़ाकू विमान को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया था, जो उनकी असाधारण योग्यता को दर्शाता है। वह अपने अनुशासन और बेहतरीन सर्विस रिकॉर्ड के लिए जाने जाते थे।
शहादत की दुखद घड़ी
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घटनास्थल: दुबई एयर शो, अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा।
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दुर्घटना: 21 नवंबर 2025 को तेजस विमान एक हवाई प्रदर्शन (एरोबेटिक डिस्प्ले) के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विशेषज्ञों का मानना है कि विमान एक ‘नेगेटिव जी-टर्न’ युद्धाभ्यास से उबर नहीं पाया।
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अंतिम यात्रा: नमन स्याल के माता-पिता दुर्घटना के समय तमिलनाडु के कोयंबटूर में थे, जहां वे अपनी सात वर्षीय पोती (जो फिलहाल कोयंबटूर में है) की देखभाल के लिए आए थे, क्योंकि उनकी पत्नी (जो खुद भी विंग कमांडर हैं) कोलकाता में ट्रेनिंग पर थीं।
उनकी शहादत ने देश को एक बहादुर, कर्तव्यनिष्ठ और साहसी पायलट से वंचित कर दिया है।
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